नई दिल्ली,  राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चिदंबरम से सदन में माफी मांगने की मांग की है।

दरअसल, पीयूष गोयल ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा तब उठाया, जब चिदंबरम ने आसन से सवाल किया कि मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर किसी भी प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं दिया गया या सदन में उठाए जाने के लिए स्वीकार क्यों नहीं किया गया।

चिदंबरम ने क्या कहा?

चिदंबरम ने कहा कि सवालों को तारांकित और अतारांकित के रूप में वर्गीकृत किया गया है और कई सदस्यों ने उनसे कहा है कि मणिपुर के बारे में सवाल पूछे गए हैं, लेकिन उन्हें न तो स्वीकार किया गया और न ही लिखित जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि जब मैंने पूछा कि 20 जुलाई को संसद सत्र शुरू होने के बाद से आज तक मणिपुर विषय पर कौन से प्रश्न स्वीकार किए गए और उत्तर दिए गए हैं। इस पर आए उनके जवाब ने मुझे चौंका दिया। इस विषय पर एक भी प्रश्न स्वीकार नहीं किया गया है या उत्तर नहीं दिया गया है।

पीयूष गोयल ने चिदंबरम पर उठाए सवाल

इस पर सभापति ने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि कांग्रेस सांसद क्या बात कह रहे हैं या उन्हें कोई शिकायत है। इसके बाद पीयूष गोयल उठे और उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि एक सदस्य सभापति से सवाल करते हुए उनपर टिप्पणी कर रहा है।

'चिदंबरम को सभापति से मांगनी चाहिए माफी'

गोयल ने कहा कि सभापति को विवाद में घसीटा गया है। मेरा मानना है कि चिदंबरम को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने जो सवाल सभापति पर उठाए हैं, वे एक तरह से अवमानना हैं और जब तक वह सभापति से माफी नहीं मांगते, हम बाकी चीजें करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह चिदंबरम का वास्तविक तरीका था, लेकिन एक बुद्धिजीवी की आड़ में वह आसन का अपमान नहीं कर सकते।

साथ ही गोयल ने यह भी कहा कि सदन में मौजूद और चेयर द्वारा बुलाए जाने के बावजूद भी सदस्य सवाल नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आपको यह निर्णय लेना चाहिए कि भविष्य में ऐसे सदस्यों द्वारा सवाल उठाने की अनुमति नहीं दी जाए।