नई दिल्ली,  संसद के मानसून सत्र के बीच दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा मामले पर हंगामा मचा है। सरकार और विपक्ष के इस गतिरोध को खत्म करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। उधर, राज्यसभा के सभापति सदन के कामकाज को लेकर सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई हैं।

पश्चिम बंगाल और राजस्थान पर भी होनी चाहिए चर्चा

संसद में मणिपुर के हालात पर चर्चा की विपक्षी दलों की मांग के बीच केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जो कुछ हो रहा है उस पर भी चर्चा होनी चाहिए। मणिपुर सहित जहां भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं, वहां समग्रता से चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष मणिपुर पर चर्चा चाहता था और सरकार इस पर सहमत हो गई। अब कभी वह कहते हैं, पीएम सदन में आए हैं और और कुछ कहें, लेकिन यह चर्चा बंगाल और राजस्थान पर भी होनी चाहिए।

विपक्ष ने किया विरोध प्रदर्शन

दूसरी ओर, आज विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (INDIA) के सांसदों ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर "सरकार की चुप्पी" के खिलाफ सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की अपनी मांग दोहराई।

खरगे ने पीएम मोदी से बयान देने की मांग की

कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने विरोध स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वे राज्यसभा और लोकसभा दोनों अध्यक्षों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे मोदी से आग्रह करें कि वे मणिपुर में वास्तविक स्थिति के बारे में बताएं। खरगे ने कहा कि पीएम संसद कक्ष में भी नहीं आते हैं और केवल अपने कार्यालय में बैठते हैं और जो चल रहा है उसे सुनते हैं। अगर पीएम संसद में मणिपुर पर बयान देते हैं तो हम चर्चा कर सकते हैं।

कांग्रेस विधायक मनिकम टैगोर, मनीष तिवारी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने आज मणिपुर पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया है।