नई दिल्ली। मणिपुर की हिंसा और हैवानियत को लेकर सूबे के साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की आक्रामक घेरेबंदी कर रहे 26 विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने इस मुद्दे पर अगले हफ्ते संसद के बाहर और भीतर अपनी रणनीति को और धार देने का फैसला किया है।

इस क्रम में विपक्षी गठबंधन के सभी सांसद सोमवार को मणिपुर हिंसा के खिलाफ सदन शुरू होने से पहले संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर विरोध का इजहार करेंगे।

पीड़ितों का दुख-दर्द समझने मणिपुर जाएगा विपक्षी प्रतिनिधिमंडल

इंडिया गठबंधन केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए अपने सांसदों-नेताओं का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल भी जल्द मणिपुर भेजने की तैयारी कर रहा है। विपक्षी खेमे के सूत्रों ने इसका संकेत देते हुए साफ कहा कि संसद में प्रधानमंत्री से बयान की उचित मांग से जहां हम पीछे नहीं हटेंगे।

वहीं, मणिपुर में केंद्र और राज्य सरकार की हिंसा रोकने की दोहरी नाकामी को उजागर करने में भी कसर नहीं छोड़ेंगे। इसके मद्देनजर ही इंडिया के नेताओं और सांसदों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों का जायजा लेने और पीड़ि‍तों का दुख-दर्द समझने जाएगा।

पीड़ितों की मदद के लिए सहायता देने का हो सकता है ऐलान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को ही साफ कहा था,

विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल दलों द्वारा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मणिपुर की स्थिति का जायजा लेने वहां जाएगा।

इस बात के संकेत हैं कि विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के इस प्रस्तावित दौरे के बाद उनकी ओर से शरणार्थी कैंपों में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगों की मदद के लिए कुछ सहायता देने का ऐलान किया जा सकता है।