नई दिल्ली, सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि पिछले 10 सालों के दौरान 14 नई बिजली वितरण कंपनियां (डिस्काम) अस्तित्व में आई हैं और इस तरह देश में इनकी कुल संख्या 109 हो गई है। खास बात यह है कि बिजली भले ही समवर्ती सूची में है, लेकिन अधिकांश राज्यों की बिजली कंपनियां वितरण के कारोबार में संलग्न हैं।
बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि वर्तमान में 180 कंपनियां बिजली उत्पादन के काम में लगी हुई हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत डिस्काम में किए गए सुधारों ने पहले वर्ष में वांछित परिणाम दिखाने शुरू कर दिए हैं। जुलाई, 2021 में आरडीएसएस को लॉन्च किया गया था और इसका उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में बदलाव लाना था।
राजस्व वसूली में हुआ सुधार
सिंह ने कहा कि देश में बिजली वितरण उपयोगिता का औसत कुल तकनीक व वाणिज्यिक नुकसान वित्त वर्ष 2020-21 में 22.32 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2021-22 में 16.44 प्रतिशत हो गया है। इतना ही नहीं डिस्काम द्वारा की जाने वाले औसत राजस्व वसूली में भी सुधार हुआ है।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आरके सिंह ने बताया,
30 जून, 2023 तक 18 कोयला आधारित परियोजना (कुल क्षमता 25,440 मेगावाट), एक गैस आधारित पावर परियोजना (370 मेगावाट) और 42 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (25 मेगावाट) निर्माणाधीन थे।
2023-24 में 13,800 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को संसद में बताया कि केंद्र सरकार ने 2023-24 में लगभग 13,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के निर्माण का लक्ष्य रखा है। निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले जून, 2023 तक 2,250 किमी सड़का का निर्माण किया जा चुका है।
गडकरी ने यह भी बताया कि वर्तमान में सड़क बनाने में जिस सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, वह मुकाबले बेहतर है। पिछले नौ वर्षों में भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई लगभग 59 प्रतिशत बढ़ गई है। गडकरी के मुताबिक, देश के पास अब अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।
सड़क निर्माण में सरकार द्वारा की गई हरित पहल पर गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने दिल्ली रिंग रोड परियोजना के लिए सड़क निर्माण में 30 लाख टन कचरे का उपयोग किया है।
पर्यटकों की संख्या 79 प्रतिशत के स्तर पर पहुंची
केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया,
जनवरी-अप्रैल के दौरान भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की कुल संख्या 2019 में आए कुल पर्यटकों की संख्या के 79 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है।
 
  
  
  
   
   
   
  