नई दिल्ली, व्यापार अधिकारियों की सिफारिश और स्थानीय स्टील निर्माताओं की पैरवी के बावजूद भारत चीन से आयातित चुनिंदा स्टील उत्पादों पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) नहीं लगाएगा। मंत्रालय ने चीन से आयातित कुछ फ्लैट-रोल्ड स्टील उत्पादों पर पांच साल के लिए 18.95% सीवीडी लगाने की व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिश को खारिज कर दिया है।
सूत्र ने कहा कि वित्त मंत्रालय के फैसले का उद्देश्य स्टील उपभोग करने वाली कंपनियों को ऊंची कीमतों से बचाना है, भले ही इससे स्थानीय स्टील निर्माताओं को नुकसान हो सकता है। अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ''सीवीडी लगाने से विनिर्माताओं को सुरक्षा मिलती है, लेकिन उपयोगकर्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।''सीवीडी आयातित वस्तुओं या उत्पादों पर लगाए गए अतिरिक्त कर हैं जिन्हें उनके गृह देश में सब्सिडी दी जाती है, जिससे उन्हें आयात करने वाले देश के उद्योगों को नुकसान होता है। विश्व व्यापार संगठन के नियमों के अनुसार, यदि किसी सदस्य देश को उसके व्यापारिक भागीदार की सरकार द्वारा किसी उत्पाद पर सब्सिडी दी जाती है तो उसे सब्सिडी-विरोधी शुल्क लगाने की अनुमति है।