नई दिल्ली, सैलरी का नाम सुनते ही सभी के चेहरे पर खुशी आ जाती है। मेहनत की कमाई हर व्यक्ति के लिए बहुत खास होती है। लोगों के महिने भर की उम्मीद और घर का खर्च तनख्वाह पर ही निर्भर करता है। एटीएम से पैसे निकलते वक्त ही सारे काम आंखो के सामने आने लगते हैं।
वहीं, बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिनके लिए घर का बजट अपनी कम सैलरी में मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो बड़े आराम से अपने घर खर्च को मैनेज करते हुए अपनी सेविंग और इन्वेस्टमेंट भी कर लेते हैं।
सैलरी का मतलब क्या होता है?
सैलरी जिसे वेतन व तनख्वाह के नाम से भी जाना जाता है। सैलरी किसी नियोक्ता से किसी कर्मचारी को पैसे के रूप में निर्धारित अवधि पर प्राप्त होता है। यह कर्मचारी का सालाना कुल पैकेज होता है, जो एक कर्मचारी को कंपनी, सर्विस या संस्थान में काम करने के लिए दिया जाता है।
क्या केहता है औसत वेतन सर्वेक्षण?
हाल में पेश की गई औसत वेतन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अर्जित औसत वार्षिक वेतन 1,891,085 रुपये है, जबकि सबसे आम कमाई 5,76,851 रुपये है। वहीं, महाराष्ट्र के एक शहर ने शहरों के हिसाब से औसत वार्षिक वेतन के मामले में मुंबई और बेंगलुरु को पीछे कर दिया है।
औसत वेतन सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि सोलापुर 2,810,092 रुपये के उच्चतम औसत वार्षिक वेतन के साथ भारत का शहर बनकर शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है।
क्या है अन्य बड़े शहरों का हाल ?
सपनों का शहर मुंबई, जिसे एक बड़ा और आलीशान शहर माना जाता है और जिसकी पहचान देश की वित्तीय राजधानी के रूप में की जाती है। वह मुंबई शहर 2,117,870 रुपये के औसत वार्षिक वेतन के साथ दूसरे स्थान पर आ गया है। भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से विख्यात बेंगलुरु, जिसे सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए एक केंद्र के रूप में जाना जाता है और जो भारत में आईटी उद्योग का केंद्र है। वह 2,101,388 रुपये के औसत वार्षिक वेतन के साथ तीसरे स्थान पर आती है।
दिल वालों का शहर दिल्ली, जो बिजनेस हब और प्रमुख आर्थिक उद्योग के केंद्र के रूप में जाना जाता है। वह 2,043,703 रुपये के औसत वेतन के साथ चौथे स्थान पर रही है।