बेंगलुरु, विपक्षी दलों की आगामी बैठक 17 और 18 जुलाई को होने जा रही है। यह बैठक कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस द्वारा बुलाई जा रही दूसरी विपक्षी एकता की बैठक है। माना जा रहा है कि इस बैठक में करीब 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे।

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नई पार्टियां होंगी शामिल

सूत्रों के अनुसार, इस बार की बैठक में आठ नई पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्षी मोर्चा में जुड़ने की ठानी है। बता दे कि बिहार के पटना में पिछले महीने की मेगा विपक्षी बैठक के बाद 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता बेंगलुरु में होने वाली दूसरी बैठक में भाग लेंगे।

इनमें मरूमलारची द्रविड़, मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ)और केरल कांग्रेस (मणि) उन नए राजनीतिक दलों में से हैं, जो बैठक में शामिल होंगे।

सोनिया गांधी बैठक में होंगी शामिल

इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। शामिल दलों में केडीएमके और एमडीएमके 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के सहयोगी थे, लेकिन अब विपक्षी दलों का हिस्सा है।

इस बैठक के लिए इन सभी दलों को साथ लाने का सारा श्रेय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को दिया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शीर्ष विपक्षी दल के नेताओं को संबोधित करते हुए एक पत्र में उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई बैठक में उनकी भागीदारी के बारे में याद दिलाया।

खरगे ने भेजा निमंत्रण पत्र

खरगे ने अपने निमंत्रण पत्र में कहा कि पटना की बैठक एक बड़ी सफलता थी, क्योंकि हम हमारी लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने में हम सक्षम थे और अगला आम चुनाव एकजुट होकर लड़ने पर सर्वसम्मति से सहमत हुए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने नेताओं को याद दिलाया कि हम जुलाई में फिर से मिलने पर सहमत हुए हैं। पत्र में आगे कहा गया

मेरा मानना ​​है कि इन चर्चाओं को जारी रखना और हमने जो गति बनाई है, उसे आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है। हमें उन चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है, जिनका सामना हमारा देश कर रहा है। मैं आप से अनुरोध करता हूं कि 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु की बैठक में भाग लें।