नई दिल्ली,  विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का तानाबाना बुन रहे हैं, वहीं भाजपा उस रणनीति पर काम कर रही है कि कैसे मुस्लिम बहुल सीटों पर भी विपक्ष को चुनौती दी जाए। इसके लिए पार्टी अल्पसंख्यक, खास तौर पर मुस्लिम वर्ग से मोदी मित्र बना रही है। लक्ष्य प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में पांच हजार मोदी मित्र बनाने का है। उनसे दस-दस वोटों की उम्मीद संजो रही भाजपा का लक्ष्य है कि देश की 65 मुस्लिम बहुल सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों को पचास-पचास हजार वोट अल्पसंख्यकों का भी मिल जाए।

भाजपा जमीनी स्तर पर रणनीति के साथ कर रही काम

मुस्लिमों में लगभग 85 प्रतिशत की भागीदारी रखने वाले पिछड़े मुसलमान यानी पसमांदा मुस्लिमों पर भाजपा काफी पहले से काम कर रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मध्य प्रदेश की रैली में इस वर्ग के प्रति चिंता जताकर वर्ग को संदेश देने का प्रयास किया। यह सिर्फ मंचीय बात नहीं, बल्कि मुस्लिम मत भी पाने के लिए भाजपा जमीनी स्तर पर रणनीति के साथ काम कर रही है।

अभी तक बन चुके 36 हजार मोदी मित्र 

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि पार्टी ने देशभर की ऐसी 65 लोकसभा सीटें चिन्हित की हैं, जिन पर अल्पसंख्यक आबादी 30 प्रतिशत से अधिक है। इन सीटों पर मोदी मित्र बनाए जा रहे हैं। यह भाजपा कैडर के कार्यकर्ता नहीं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सामान्य जन हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मंत्र से जो लोग प्रभावित या सहमत हैं, उन्हें मोदी मित्र बनाकर प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।

जमाल सिद्दीकी ने बताया कि अभी तक 36 हजार मोदी मित्र बन चुके हैं। रणनीति कुछ यूं तैयार की गई है कि इन सभी संसदीय सीटों के लिए एक-एक केंद्रीय प्रभारी, एक-एक राज्य प्रभारी बनाया गया है। इनके अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के एक-एक प्रभारी और तीस-तीस सह-प्रभारी बनाए गए हैं। प्रत्येक सह-प्रभारी को तीस मोदी मित्र बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। इस तरह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 900 और लोकसभा क्षेत्र में पांच हजार मोदी मित्र बनाने की तैयारी है।