मानसून की चाल इस बार चौंकाने वाली रही। आठ दिन की देरी से आए दक्षिण पश्चिम मानसून ने सामान्य समय से छह दिन पहले ही पूरे देश को अपनी जद में ले लिया है। इससे देशभर में बारिश हुई है। रविवार को यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के शेष हिस्सों में आगे बढ़ा। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी

एक जून को केरल पहुंचता है मानसून

सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून एक जून को केरल और आठ जुलाई को पूरे देश में पहुंचता है। इस साल चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से यह सप्ताहभर की देरी से केरल पहुंचा था।

16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जून में हुई कम बारिश

मौसम कार्यालय ने कहा कि मानसून निर्धारित समय से पहले रविवार को ही पूरे देश में छा गया। पूर्वी उत्तर प्रदेश और दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे देश में जुलाई में मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जून में कम बारिश हुई। इसमें खासकर बिहार और केरल में सामान्य से क्रमश: 69 प्रतिशत और 60 प्रतिशत की भारी कमी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे कुछ अन्य राज्यों में भी जून में सामान्य से कम बारिश हुई।

जुलाई में औसत वर्षा होने का अनुमान

आइएमडी के अनुसार 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर जुलाई के दौरान देशभर में वर्षा की लंबी अवधि का औसत (एलपीए) लगभग 280.4 मिलीमीटर है। जुलाई में अल नीनो (भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के गर्म होने) की संभावना के बावजूद जुलाई में औसत वर्षा होने का अनुमान है। बता दें कि अल नीनो को मानसूनी वर्षा को दबाने के लिए जाना जाता है

सामान्य से ज्यादा रहेगा न्यूनतम तापमान

महापात्र ने कहा कि हाल के अधिकांश वर्षों में आए अल नीनो के दौरान जून में बारिश सामान्य सीमा के भीतर रही है। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में से 16 में जब जून में बारिश सामान्य से कम थी तो जुलाई में सामान्य बारिश दर्ज की गई। मौसम कार्यालय ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है।