केरल के कोट्टायम के स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के पूर्व नेता निखिल थॉमस को शनिवार तड़के सुबह हिरासत में लिया गया है। दरअसल, इन पर अपने डिग्री प्रमाणपत्रों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। शनिवार को ही अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिछले पांच दिनों से फरार निखिल को कोट्टायम में केएसआरटीसी (केरल राज्य सड़क परिवहन निगम) बस डिपो से पुलिस हिरासत में लिया गया।

फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर लिया एडमिशन

निखिल थॉमस के खिलाफ मामला यह है कि उन्होंने कायमकुलम के एमएसएम कॉलेज में पीजी कोर्स में एडमिशन पाने के लिए कथित तौर पर कलिंगा विश्वविद्यालय से फर्जी डिग्री प्रमाणपत्र तैयार किया था। आरोप है कि निखिल ने अपना पिछला कोर्स पास नहीं किया था और पीजी कोर्स में एडमिशन पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र पेश किया था।

निखिल को इकाइयों के सभी कार्यों से किया गया निष्कासित

निखिल को अलाप्पुझा जिले के कायमकुलम पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने पहले उनके खिलाफ कार्रवाई में देरी का आरोप लगाते हुए राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। निखिल थॉमस को इस सप्ताह की शुरुआत में एसएफआई से निष्कासित कर दिया गया था।

छात्र संगठन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जब एसएफआई के पूर्व कायमकुलम क्षेत्र सचिव निखिल थॉमस के डिग्री प्रमाणपत्र से संबंधित आरोप सामने आने के बाद से उन्हें एसएफआई की सभी इकाइयों से दूर रखा गया।

छात्र संगठन ने किया प्रमाणपत्र का जांच

एसएफआई ने एक बयान में कहा, "हमने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है और उन्होंने संगठन को गुमराह करने वाला स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने जो प्रमाण पत्र दिए उनमें से एसएफआई केवल केरल विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए उनके पात्रता प्रमाण पत्र की जांच कर सकता है। पात्रता प्रमाण पत्र की जांच करते समय, हमने पाया कि केरल विश्वविद्यालय की पात्रता प्रमाणपत्र मूल था।"

निखिल को निष्कासित करने से दूसरों को मिलेगा सबक

एक बयान में, एसएफआई के राज्य सचिव पीएम अर्शो और राज्य अध्यक्ष के अनुश्री ने कहा कि पार्टी को चिंता है कि निखिल थॉमस एक नियमित छात्र के रूप में कलिंगा विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई कैसे पूरी कर सकते हैं और इस चिंता को मीडिया के सामने भी उठाया है।