नई दिल्ली, स्विस बैंकों में रखी हुई भारतीयों और कंपनियों की धनराशि पिछले साल 11 प्रतिशत घटकर 3.42 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 30,000 करोड़ रुपये) रह गई। स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी। स्विस केंद्रीय बैंक एसएनबी के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में स्विस बैंकों में रखा गया भारतीय ग्राहकों का कुल कोष 11 प्रतिशत घटकर 3.42 अरब फ्रैंक रह गया।
इसके एक साल पहले 2021 में स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों ने 3.83 अरब स्विस फ्रैंक की राशि रखी थी, जो 14 वर्षों का उच्चस्तर था। इसके अलावा पिछले साल स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से जमा की जाने वाली राशि भी करीब 34 प्रतिशत घटकर 39.4 करोड़ फ्रैंक रह गई। इसके पहले वर्ष 2021 में यह सात साल के उच्चस्तर 60.2 करोड़ फ्रैंक पर थी।
बैंकों ने काले धन का कोई जिक्र नहीं किया
स्विस बैंकों में भारतीयों की तरफ से रखी गई कुल राशि वर्ष 2006 में 6.5 अरब फ्रैंक के रिकार्ड स्तर पर थी जिसके बाद से इसमें कमोबेश गिरावट ही आई है। इस दौरान सिर्फ 2011, 2013, 2017, 2020 और 2021 में ही स्विस बैंकों के पास रखी भारतीय ग्राहकों की राशि में बढ़ोतरी हुई थी। स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) को स्विट्जरलैंड के बैंकों की तरफ से दी गई सूचनाओं के आधार पर जारी आंकड़ों में भारतीय खाताधारकों की तरफ से जमा किए गए कथित काले धन का कोई जिक्र नहीं है।
इन आंकड़ों में स्विस बैंकों में किसी तीसरे देश से संबंधित फर्म के नाम पर जमा राशि भी शामिल नहीं है। एसएनबी के मुताबिक, वर्ष 2022 के अंत में स्विस बैंकों की भारतीय ग्राहकों के प्रति कुल देनदारी 342.4 करोड़ स्विस फ्रैंक थी। इनमें से 39.4 करोड़ स्विस फ्रैंक जमाओं के तौर पर थी जबकि 110 करोड़ फ्रैंक अन्य बैंकों के माध्यम से स्विस बैंकों के पास पहुंचे थे।