नई दिल्ली,  भारत और बांग्लादेश के सीमा प्रहरी बलों ने दोनों तरफ के स्थानीय लोगों की मदद के लिए 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर पांच विकास परियोजनाओं पर साथ मिलकर निर्माण कार्य शुरू करने का 'अहम' निर्णय लिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यहां 11 जुलाई से शुरू हुई चार दिवसीय सीमा वार्ता के समापन पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बार्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) ने यह भी कहा कि वे सीमावर्ती क्षेत्र में बांग्लादेशी नागरिकों के मारे जाने की घटनाएं 'कम करने' पर स्वतंत्र एवं संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। यह वार्ता साल में दो बार होती है।

मौतों का यह मुद्दा दो पड़ोसी देशों के बीच अक्सर तनाव पैदा करने वाला विषय रहा है। इस सिलसिले में बीएसएफ का कहना है कि बदमाश या तस्कर सीमापार अपराधों में लगे रहते हैं एवं उसके कर्मियों पर हमला करते हैं।

इस 53वीं सीमा वार्ता का नेतृत्व बीएसएफ और बीजीबी के महानिदेशकों ने किया। नई दिल्ली के छावला में बीएसएफ कैंप में 'वार्ता के संयुक्त रिकार्ड' पर दस्तख्त के साथ इसका समापन हुआ।

BSF ने क्या कुछ कहा?

बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि इस सम्मेलन के दौरान भारत-बांग्लादेश सीमा पर बसे लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक असर डालने वाले एक अहम निर्णय के तहत कुल पांच विकास परियोजनाओं पर सहमति बनी। दोनों पक्ष इस क्षेत्र में मिलकर प्रयास करने पर राजी हुए।

बीएसएफ ने कहा कि यह निर्णय आम जनजीवन की संपूर्ण गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक अहम कदम है। यह दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध की राह सुगम बनायेगा। इन पांच विकास परियोजनाओं का संबंध असम, बंगाल , मिजोरम, मेघालय और त्रिपुरा में बेली पुल के निर्माण, सड़क मरम्मत और सीमा पर दीवार को मजबूत करने से है।

दोनों सीमा प्रहरी बलों के प्रमुखों ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों बल यह सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं कि सीमा पर सुरक्षाबलों के हाथों मौतें कम से कम हों।