बेंगलुरु, बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने बेल्लारी में अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले में आरोपित कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी. जनार्दन रेड्डी और उनकी पत्नी जी. लक्ष्मी अरुणा की कुल 82 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया है। राज्य के पूर्व और मौजूदा सांसदों-विधायकों से संबंधित आपराधिक मामलों से निपटने के लिए गठित विशेष अदालत ने सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा दायर एक याचिका पर 12 जून को अपना आदेश दिया।
सीबीआई ने की थी संपत्तियों को कुर्क करने की मांग
सीबीआइ ने जनार्दन रेड्डी की छह संपत्तियों और लक्ष्मी अरुणा के नाम की 118 संपत्तियों को कुर्क करने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने रेड्डी के नाम पर पांच संपत्तियों की कुर्की की अनुमति दी, क्योंकि सीबीआइ द्वारा सूचीबद्ध छह संपत्तियों में से एक उनके नाम पर नहीं थी।
जहां तक लक्ष्मी अरुणा के नाम वाली संपत्तियों की बात है तो अदालत ने पाया कि उन्होंने पहले ही कुछ संपत्तियों का अधिग्रहण किया था। उन्हें कुर्क नहीं किया जा सकता है। यह नहीं कहा जा सकता है कि उन संपत्तियों को गलत ढ़ग से हासिल किया गया था।
लक्ष्मी अरुणा की 77 संपतियों को कुर्क करने की अनुमति
इसके साथ ही अदालत ने लक्ष्मी अरुणा की 118 संपत्तियों में से केवल 77 को ही कुर्क करने की अनुमति दी। संपत्तियों की कुर्की बेल्लारी अवैध लौह अयस्क खनन घोटाले में सरकारी अधिकारियों के शामिल होने के खिलाफ 2012 की शिकायत से जुड़ा है।
65.05 करोड़ रुपये मूल्य की हैं कुर्क की जाने वाली संपत्तियां
सीबीआइ द्वारा जांच के बाद दायर एक पूरक आरोपपत्र में जनार्दन रेड्डी और अन्य के नाम शामिल थे। कुर्की की मांग को लेकर सीबीआइ ने 2022 में एक आपराधिक याचिका दायर की थी। कुर्की की अनुमति देने वाला अदालती आदेश 12 जून, 2023 को पारित किया गया। इस मामले में 21 आरोपित हैं। सूची के अनुसार, कुर्क की जाने वाली संपत्तियां 65.05 करोड़ रुपये मूल्य की हैं।