Odisha Train Tragedy: बालेश्वर जिले के बाहानगा में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के बाद जिस बाहानगा हाईस्कूल में सैकड़ों यात्रियों के शव रखे गए थे, उसे आज बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है।

ढहाए गए स्‍कूल के पांच क्‍लास रूम और एक हॉल

स्कूल प्रबंधन समिति की मौजूदगी में आज सुबह बुलडोजर की मदद से स्कूल के पांच क्‍लास रूम एवं एक हाॅल को ध्वस्त किया गया है। अब जब तक नए क्‍लास रूम का निर्माण नहीं कर लिया जाता, तब तक इन कक्षाओं के बच्‍चों को अन्‍य कक्षाओं में पढ़ाए जाने की व्यवस्था करने की जानकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने दी है।

लोगों के मन में बैठ गया है डर

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकार और जिला प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि रेल हादसे के बाद स्कूल में बड़ी तादात में शव रखे गए थे, जिससे बच्चों के मन में डर का माहौल होने की बात सामने आ रही थी।

पहले इस विद्यालय में पूजा पाठ कराने एवं बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा देने पर मंत्रणा चल रही थी, मगर इस पर बात नहीं बनी और स्कूल प्रबंधन समिति ने जिला प्रशासन से स्कूल के कुछ कमरों को ध्वस्त करने का  अनुरोध किया। जिला प्रशासन ने इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को दी। इसके बाद राज्य सरकार ने स्कूल की बिल्डिंग को ध्वस्त करने का निर्णय लिया।

पुराने कमरों को तोड़कर अब बनेगी नई बिल्डिंग

बालेश्वर जिला कलेक्टर दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे ने कहा है कि बाहानगा हाईस्कूल को लेकर छात्र-छात्राएं, स्थानीय लोग एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं के मन में भय का माहौल बना हुआ था। दिन के समय में भी लोग वहां अकेले जाने से डर रहे थे।

हालांकि, स्कूल परिसर को दमकल विभाग ने पूरी तरह से साफ किया था। जहां पर खून के छींटे लगे थे, ब्लीचिंग, फिनायल डालकर उन जगहों की भी अच्‍छे से सफाई की गई थी।

इसके बावजूद स्थानीय लोगों के साथ छात्रा-छात्राओं एवं स्कूल के शिक्षकों के मन से डर नहीं जा रहा है। ऐसे में जिन कक्षाओं में शव रखे गए थे, उन्‍हें तोड़कर वहां पर नई बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी बालेश्वर के जिलाधीश ने दी है।

पुराना है बाहानगा हाईस्‍कूल का इतिहास

यहां उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 16 पर बाहानगा बाजार के पास 1956 में बाहानगा एमई स्कूल की स्थापना की गई थी। दो साल बाद 1958 में तीन कक्षाएं बढ़ाकर स्कूल को हाई स्कूल का दर्जा दे दिया गया। अब स्‍कूल में  566 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।

ट्रेन दुर्घटना में मृतकों को शव जहां रखे गए थे, उन कमरों को जब पूरी तरह से तोड़ दिया गया है, तो ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि इन कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्‍चों की पढ़ाई अब कहां होगी। इस पर प्रधानाचार्य प्रमिला स्वांई ने बताया कि नया भवन बनने तक हाईस्कूल परिसर में जो अन्य कक्षाएं हैं,उन्हीं में इन बच्चों को पढ़ाया जाएगा।

2 जून की वह भयानक शाम

गौरतलब है कि पिछले शुक्रवार को बाहानगा में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी। एक हजार से अधिक यात्री घायल हो गए थे, जिनका फिलहाल विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। कुछ यात्रियों को छुट्टी दे दी गई है और वे घर लौट आए हैं। उधर, शव की शिनाख्त की प्रक्रिया भी जारी है।