नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कैबिनेट ने बुधवार को भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL)के लिए 89,047 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दे दी है। इस पैकेज का इस्तेमाल 4जी और 5जी सेवाओं को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने बीएसएनएल और भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) को भी मंजूरी दे दी है।

Sponsored

ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

ओम धगाल की और से हिंडोली विधानसभा क्षेत्र एवं बूंदी जिले वासियों को रौशनी के त्यौहार दीपावली की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं

इस पैकेज में क्या क्या शामिल है

कैबिनेट ने 4 जी सर्विस के के विस्तार में मदद के लिए बीएसएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित करेगी। सार्वजनिक क्षेत्र की इस दूरसंचार कंपनी को 33,000 करोड़ रुपये के वैधानिक बकाये को इक्विटी में बदल दिया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी बैंक कर्ज के भुगतान के लिए बॉन्ड भी जारी करेगी। कंपनी के नेटवर्क को अपग्रेड करने के लिए CAPEX को भी मंजूरी दे दिया है।

BBNL और BSNL का मर्जर होगा

सरकार के इस फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनी को 4G में अपग्रेड करने में मदद मिलेगी। इसी के साथ बीएसएनएल और बीबीएनएल के मर्जर दोनों कंपनी मजबूत हो जाएगी। इस मर्जर से बीबीएनएल के ऑप्टिकल फाइबर का पूरा कंट्रोल बीएसएनएल के पास आ जाएगा। आपको बता दें कि देश भर में बीबीएनएल के 5.67 लाख किलोमीटर के ऑप्टिकल फाइबर बिछे हैं।

कंपनी के मर्जर से क्या फायदा होगा

बीएसएनएल के पास 6.80 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क मौजूद है। वहीं, बीबीएनएल के देशभर में 5.67 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछे हैं। इन दोनों कंपनियों को फाइबर कंट्रोल यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के जरिए दिया जाएगा। इस फंड के लिए सरकार ने 23,000 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी किया है। MTNL के लिए 2 साल में 17,500 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी होगा।

BSNL के पास 4G सर्विस भी नहीं

भारत में इस वक्त 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है। इस नीलामी में रिलायंस जीयो (Reliance Jio), एयरटेल (Airtel) और कई कंपनियां हिस्सा ले रही है। इस निलामी में बीएसएनएल भाग नहीं ले रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि बीएसएनएल ने अभी तक 4 जी सर्विस भी शुरू नहीं की है। बीएसएनएल ने अपने 4 जी नेटवर्क की सर्विस के लिए आईटीआई को 3,889 करोड़ रुपये का एक अग्रिम खरीद आदेश (APO) दिया था। कंपनी और आईटीओ के समझौते की शर्तों के तहत, आईटीआई रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) उपकरण के निर्माण के लिए जिम्मेदार है।