बिजनेस डेस्क। दुनिया की सबसे बड़ी स्पिरिट्स कंपनी डियाजियो (Diageo) के भारतीय मूल के सीईओ इवान मैनुअल मेनेजेस (Ivan Manuel Menezes) का बुधवार को अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मेनेजेस की आयु 64 वर्ष की थी और वह इस महीने के अंत में रिटायर होने वाले थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पेट में अल्सर होने के कारण उन्हें लंदन में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, आधिकारिक रूप से इस पर कुछ नहीं कहा गया है।

कंपनी ने किया अंतरिम सीईओ का एलान

डियाजियो की ओर से सोमवार को एलान किया गया कि जब तक मेनेजेस का मेडिकल ट्रीटमेंट हो रहा है, तब तक Debra Crew कंपनी के अंतरिम सीईओ रहेंगे। कंपनी की ओर से ये फैसाल मेनेजेस की सेहत को देखते हुए लिया गया था।

मेनेजेस का जन्म पुणे में हुआ था, उनके पिता मैनुअल मेनेजेस भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रहे हैं, उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और आईआईएम अहमदाबाद में पढ़ाई की थीं। उनके भाई विक्टर मेनेजेस सिटी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और सीईओ हैं।

Menezes कब Diageo से जुड़े थे?

मेनेजेस ने 1997 में डियाजियो से जुड़े थे। 2012 में वे कंपनी के एक्जीक्यूटीव डायरेक्टर बने और फिर 2013 में सीईओ बन गए थे।

उनके कार्यकाल में कंपनी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी स्पिरीट कंपनी बनी। मौजूदा समय में कंपनी के पास पूरी दुनिया में 200 से अधिक ब्रांड्स हैं और 180 बाजारों में कंपनी का कारोबार फैला हुआ है।

जॉनी वॉकर व्हिस्की, कंपनी का सबसे लोकप्रिय ब्रांड है। डियाजियो स्कॉच व्हिस्की, वोदका, जिन, रम, कैनेडियन व्हिस्की, लिकर और टकीला आदि में अग्रणी है।