नई दिल्ली, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वजह से भारत में 74 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी खोने का डर सता रहा है। भारत में किए गए सर्वेक्षण में तीन चौथाई से अधिक लोगों ने कहा कि वे लोग चिंतित हैं कि एआई उनकी नौकरी की जगह ले लेगा। माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट में गुरुवार को यह जानकारी दी गई।
माइक्रोसॉफ्ट वर्क ट्रेंड इंडेक्स 2023 रिपोर्ट के अनुसार, 90 प्रतिशत भारतीय नियोक्ताओं का कहना है कि वे जिन कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं, उन्हें एआई के विकास के लिए नए कौशल सीखने की आवश्यकता होगी।
भारतीयों को सता रहा नौकरी खोने का डर
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के लगभग 1,000 लोगों सहित 31 देशों के 31,000 लोगों के सर्वेक्षण पर आधारित शोध में पाया गया कि 74 प्रतिशत भारतीय श्रमिकों का कहना है कि वे चिंतित हैं कि एआई उनकी नौकरियों की जगह ले लेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है, "सर्वेक्षण से पता चलता है कि 83 प्रतिशत भारतीय कर्मचारी अपने कार्यभार को कम करने के लिए एआई को जितना संभव हो उतना काम सौंपने के इच्छुक हैं।''
एआई के विकास में योगदान देने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है, "90 प्रतिशत नियोक्ताओं का कहना है कि वे जिन कर्मचारियों को नियुक्त करते हैं, उन्हें एआई के विकास के लिए तैयार करने के लिए नए कौशल की आवश्यकता होगी। 78 प्रतिशत भारतीय श्रमिकों का कहना है कि वर्तमान में एआई के पास काम करने की सही क्षमता नहीं है।"
भारत में माइक्रोसॉफ्ट के प्रमुख मॉडर्न वर्क भास्कर बसु ने कहा, ''एआई की अगली पीढ़ी उत्पादकता वृद्धि के नए रास्ते खोलेगा, काम को आसान करेगा और लोगों के ऊपर से भार कम करेगा। प्रत्येक संगठन और नियोक्ता के लिए ये एक अवसर और जिम्मेदारी है कि एआई को सही करने में योगदान दें।''