नई दिल्ली, भारत जब ब्रिटेन से अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था तब उसी दौर में 21 अप्रैल, 1926 को लंदन में एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म हुआ। करीब 70 साल पहले एलिजाबेथ द्वितीय जब ब्रिटेन की महारानी बनी उस दौरान ब्रिटेन दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्यों में शुमार था। हालांकि, एलिजाबेथ के सामने ही इसका पतन शुरू हुआ और लगभग समाप्त भी हो गया।
25 वर्ष की उम्र में हुई थी ताजपोशी
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्यों में शुमार ब्रिटिश साम्राज्य का बागड़ोर सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में ही संभाल लिया था। मालूम हो कि एलिजाबेथ द्वितीय के पिता किंग जार्ज छठे की बिमारी के कारण 6 फरवरी 1952 को मौत हो गई। उस समय महारानी और प्रिंस केन्या के दौरे पर थे। किंग जार्ज के निधन के समय एलिजाबेथ द्वितीय मात्र 25 साल की थीं। एक वर्ष के बाद उनको महारानी बना दिया गया। हालांकि, बाद में वेस्टमिंस्टर एबी में दो जून, 1953 को उनका राज्याभिषेक किया गया। महारानी 25 साल की उम्र से लेकर अपने आखिरी समय तक वह ब्रिटेन की महारानी बनी रहीं।
पिता के निधन के बाद संभाली थी राजगद्दी की जिम्मेदारी
साल 1952 में एलिजाबेथ द्वितीय जब कॉमनवेल्थ देशों की यात्रा पर थी, इसी दौरान उनके पिता किंग जॉर्ज VI का निधन हो गया और सिर्फ 25 वर्ष की आयु में शासन की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। हालांकि, जॉर्ज VI के निधन के एक साल के शोक के बाद 2 जून 1953 को उनकी ताजपोशी हुई।
महारानी ने 15 प्रधानमंत्रियों के साथ किया काम
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय महारानी रहते हुए 14 अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुकी हैं। हालांकि अपने जीवन काल में वह 15वीं प्रधानमंत्री लीज ट्रस को सिर्फ शपथ ही दिला पाईं। एलिजाबेथ ब्रिटेन के अलावा ऑस्ट्रेलिया समेत कुल 15 देशों की राष्ट्र प्रमुख थीं। हालांकि, ब्रिटेन की संवैधानिक राजशाही में महारानी के रूप में उनकी जिम्मेदारी सांकेतिक थी। मालूम हो कि कुछ ही माह पहले एलिजाबेथ द्वितीय ने महारानी के तौर पर 70 साल पूरे किए थे, जिसको ब्रिटेन में पूरे धूमधाम से मनाया गया और इसमें देश दुनिया के लाखों लोग शामिल हुए थे। 70 साल के अपने लंबे कार्यकाल के दौरान महारानी ने कुल 15 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया, जिनमें तीन महिला प्रधानमंत्री शामिल हैं।
कितने देशों की राष्ट्राध्यक्ष थी महारानी?
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन के अलावा वे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जमैका, बहामास, ग्रेनाडा, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन द्वीप, तुवालु, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, एंटीगुआ और बारबुडा की भी रानी थीं। महारानी ने ब्रिटेन के इतिहास में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी थीं। साल 2015 में उन्होंने 63 साल और 217 दिन का शासन पूरा कर महारानी विक्टोरिया का रिकार्ड तोड़ा था। विक्टोरिया ने 63 साल 216 दिनों तक शासन किया था।
दूर के रिश्तेदार से हुई थी महारानी की शादी
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की शादी 20 नवंबर 1947 को उनके दूर के रिश्तेदार प्रिंस फिलिप से हुई थी। प्रिंस फिलिप को 13 साल की उम्र में ही एलिजाबेथ द्वितीय से प्यार हो गया था। मालूम हो कि लंदन में जब दोनों की शादी हो रही थी उस समय बकिंघम पैलेस के बाहर दोनों की एक झलक पाने के लिए लोग भारी संख्या में जमा हो गए थे। इस प्रेमी जोड़े से पहला बच्चा 1948 में पैदा हुआ जिसका नाम प्रिंस चार्ल्स पड़ा, जबकि साल 1950 में इन दोनों से एक बच्ची का भी जन्म हुआ, जिसका नाम राजकुमारी ऐनी रखा गया।
ब्रिटिश साम्राज्य में कभी नहीं डूबता था सूरज
19वीं शताब्दी में दुनिया के करीब एक चौथाई हिस्से पर ब्रिटिश साम्राज्य का कब्जा था। उस समय एक कहावत बहुत प्रचलित थी कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूरज कभी नहीं डूबता है। इस दौरान ब्रिटेन ने दुनिया के करीब 80 देशों और आइलैंड पर शासन कर रहा था। ब्रिटिश शासन के विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उस समय 3.5 करोड़ वर्ग किलोमीटर यानी दुनिया के करीब 26 फीसद इलाके इसके अधीन थे। मालूम हो कि 16वीं से 18वीं सदी के दौरान ब्रिटेन ने यूरोपीय ताकतों को पछाड़ते हुए दुनिया के सबसे ताकतवर साम्राज्य की नींव रखी।
कब हुआ निधन?
महारानी द्वितीय का निधन आठ सितंबर को भारतीय समय के मुताबिक, करीब रात को साढ़े ग्यारह बजे हुआ। इसके बाद बकिंघम पैलेस ने एक बयान जारी कर उनके निधन की सूचना पर मुहर लगाई।