आज 1 जून है, आपको बता दें ये माह आपके लिए बहुत खास है. क्योंकि रुपए-पैसे संबंधी दर्जनों नियम हैं जो इसी माह बदलने वाले हैं. जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ने वाला है. सिर्फ एलपीजी रेट के रेटों में हीं 1 जून को कटौती नहीं हुई है. बल्कि अन्य भी कई नियम हैं जिनमें इसी संसोधन होना तय है. लॉकर एग्रीमेंट से लेकर म्यूचुअल फंड तक ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम हैं जिनमें फेरबदल किया जाएगा. आइये जानते हैं क्या-क्या बदलने वाला है. 

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आपको बता दें कि नया वित्त वर्ष शुरू हुए दो माह बीत चुके हैं. लेकिन अभी तक दूसरी मौद्रिक नीति नहीं बनी है. आगामी 8 जून को नई मौद्रिक निति की घोषणा होने वाली है. जानकारी के मुताबिक लोन लेने वाले लोगों के लिए यह नीति जरूर राहत देने वाली होगी. क्योंकि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में अपनी रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखने का निर्णय हो चुका है. वहीं अगर किसी वजह से रेपो रेट में वृद्धि होती है तो बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर देंगे. 

वहीं आपको बता दें कि अभी तक बच्चों के नाम निवेश के लिए एलआईसी, पोस्ट ऑफिस व अन्य सरकारी संस्था ही थी. लेकिन 15 जून को देश में नया नियम लागू होने जा रहा है. जिसके बाद मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की ओर से म्यूचुअल फंड में अभिभावक अपने बच्चों के नाम भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकेंगे. यानि बच्चों के नाम से ट्रेडिंग व अन्य सभी निवेश खोल दिये जाएंगे. ताकि बच्चे भी अपनी किस्मत निवेशक के तौर पर आजमा सकें.. 

सबसे अहम और खास नियम लॅाकर को लेकर जारी होने वाला है. जिसमें साफ कहा गया है कि एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ोदा व कुछ और बैंक 30 जून 2023 को रिवाइज्ड़ लॅाकर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने का आग्रह कर रहे हैं. क्योंकि आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि 30 जून, 2023 तक अपना 50 फीसदी रिन्युअल करा लें और 30 सितंबर, 2023 तक 75 फीसदी रिन्युअल हो जाना चाहिए. ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके. इसलिए लॅाकर संबंधी नियमों को समझकर ही अपना सामान रखें.. 

इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर नियम 

इसके अलावा सेबी ने म्यूचुअल फंड में धोखाधड़ी को रोकने के लिए निगरानी और आंतरिक नियंत्रण प्रणाली स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. सेबी ने इसको लेकर भी 3 जून को जवाब मांगा है. क्योंकि इनसाइडर ट्रेडिंग, उत्पादों की गलत बिक्री से निवेशकों का भरोसा डगमगाता है. इसलिए सिस्टम में पारदर्शिता लाना बहुत जरूरी है. हालांकि अभी 3 जून को सिर्फ टिप्पणी मांगी गई है.. 

एडवांस टैक्स जमा करने की अंतिम तारीख 15 जून 

आपको बता दें कि असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए पहली किस्त जमा करने के लिए डेट निर्धारित कर दी गई है. जिसे 15 जून निर्धारित किया गया है. आपको बता दें कि फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान भुगतान टैक्स कटौती का सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने के लिए भी यही तिथि निर्धारित की गई है. इसके अलावा हायर पेंशन का लाभ लेने के लिए आपको 26 जून तक आवेदन करना होगा. आपको बता दें यह ईपीएस के लिए हायर पेंशन पाने के अंतिम मौका होगा..