नई दिल्ली, पिछले दो महीने से लगातार कम हो रही महंगाई को सरकार लगातार काबू में रखना चाहती है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार महंगाई को कम रखने के लिए प्रतिबद्ध है और महंगाई पर पूरी निगरानी रखी जा रही है और महंगाई से जुड़े सभी आंकड़ों को जमीनी स्तर पर इकट्ठा किया जा रहा है। इस साल अप्रैल माह में खुदरा महंगाई दर 4.6 फीसद के साथ 18 महीने के निचले स्तर पर थी, तो थोक महंगाई दर नकारात्मक स्तर में प्रवेश होने के करीब है।

वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स के रूप में वसूले गए एक-एक पैसा सरकार गरीब व पिछड़े वर्ग के कल्याण पर खर्च करती है। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण योजना से जुड़ी कल्याणकारी स्कीम की सूची काफी लंबी है और सरकार ने वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान किए अपने सभी वादों को पूरा कर चुकी है।

सीतारमण ने कहा कि भारत बागवानी (फल-सब्जी) उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पीएम किसान, किसानों को सस्ते कर्ज, खाद के स्थिर मूल्य जैसी नीतियों की वजह से संभव हो सका है। सरकार के नौ वर्ष के पूरे होने पर अवसर पर सोमवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने बैंकों में जमा बिना दावे वाली राशि के भुगतान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नॉमनी की महत्ता को समझाया।

फिक्स्ड डिपोजिट और प्रोपर्टी के लिए नॉमनी का होना आवश्यक

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बिना दावे वाली राशि का भुगतान काफी जटिल मामला है और इसमें काफी सावधानी बरतने की जरूरत है। बैंकों में जमा गैर दावे वाली राशि में जहां उत्तराधिकारी का नाम नहीं है, वहां वक्त लगेगा क्योंकि यह कानूनी मामला हो जाता है। सीतारमण ने कहा कि नॉमनी (नामित) का होना काफी महत्वपूर्ण है और सभी व्यक्ति को अपने फिक्स्ड डिपोजिट और प्रोपर्टी के लिए अपने नॉमनी का नाम आवश्यक रूप से देना चाहिए ताकि क्लीयरेंस प्रक्रिया में देर नहीं हो।

सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 में दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था 11वें पायदान पर तो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पांचवें पायदान पर थी। उन्होंने कहा कि हमलोग ऊपर की ओर बढ़े हैं और ब्रिटेन नीचे की ओर गिरा है। एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। हमलोग इस साल और आने वाले साल में दुनिया में सबसे तेज गति से विकास करने वाले हैं।

दो हजार के नोट के फैसले पर चिदंबरम की खिंचाई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो हजार के नोट वापसी फैसले पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि उनके कहने या नहीं कहने से इस प्रकार के फैसले पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

चिदंबरम ने कहा था कि 2000 रुपए के नोट को जारी करना और उसे वापस लेने के फैसले से भारतीय करेंसी की विश्वसनीयता और स्थिरता को लेकर सवाल खड़े होते हैं। सीतारमण ने कहा कि नोट वापस लेने का फैसला आरबीआइ लेता है और किसी पूर्व वित्त मंत्री को इस प्रकार की टिप्पणी देना शोभा नहीं देता है।