भटहट विकास खंड के जंगल डुमरी नंबर दो में फाल्ट ठीक करते समय हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से लाइनमैन झुलस गया। इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उधर घटना के बाद उपकेंद्र परिचालक लागबुक लेकर फरार हो गया। जिसके विरूद्ध विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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यह है पूरा मामला

जंगल डुमरी नंबर दो विद्युत उपकेंद्र मदरहवां के खुटहन फीडर अंतर्गत आता है। इसके पासी टोला में रविवार दोपहर करीब एक बजे एक गत्ता फैक्ट्री का फाल्ट ठीक करने के लिए निविदा कर्मी के रूप में कार्यरत लाइनमैन प्रदीप साहनी ने मोबाइल से मदरहवां में तैनात कर्मचारी से शटडाउन लिया। इसके बाद वह खंभे पर चढ़ गया। फाल्ट ठीक करने के दौरान विद्युत आपूर्ति बहाल हो गई और लाइनमैन झुलस कर नीचे गिर गया। साथी लाइनमैन उसके पास पहुंचे और इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए। प्रदीप जंगल डुमरी नंबर दो का निवासी है। घटना के बाद लाइनमैन की बुजुर्ग मां का रो-रोकर बुरा हाल है।

दूसरी ओर अवर अभियंता ने बताया कि दुर्घटना के दौरान एसएसओ (उपकेंद्र परिचालक) के रूप में प्रशांत कुमार मिश्र ड्यूटी पर थे। उन्होंने कहा कि आपूर्ति कैसे बहाल हुई इसका जवाब निदेशालय की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मिल सकेगा। इधर घटना के बाद शटडाउन का रिकार्ड लिखे जाने वाली लागबुक लेकर एसएसओ फरार हो गया। घंटों विद्युत उपकेंद्र पर कोई नहीं था। बताया यह भी जा रहा है कि एसएसओ की जगह कोई दूसरा व्यक्ति उपकेंद्र चला रहा था। अवर अभियंता अमित कुमार यादव ने बताया कि दुर्घटना में घायल लाइनमैन को बीआरडी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। एसएसओ बिजली घर छोड़कर फरार हो गया है। बिना सूचना के सरकारी मोबाइल नंबर दूसरे को देकर ड्यूटी से गायब होने की भी जानकारी मिली है। पूरे मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

ट्राली बाहर नहीं निकालने से हुआ हादसा

अधिकारियों की जांच में पाया गया कि मोबाइल फोन से शटडाउन दिया गया। मशीन के ट्रिपिंग की अवस्था में ही शटडाउन बता दिया गया, जबकि शटडाउन देते समय ट्राली को बाहर कर दिया जाता है। यहां ट्राली को बाहर नहीं किया गया। हाईटेंशन लाइन पर काम करते समय बिजली आपूर्ति की आशंका बनी रहती है और हुआ भी ऐसा ही। फाल्ट ठीक करते समय ही बिजली आने से प्रदीप झुलस गया। एक लाइनमैन ने बताया कि बिना पंजिका में दर्ज किए ही मोबाइल पर एक साथ तीन से चार कर्मियों को शटडाउन दे दिया जाता है। कभी-कभी लाइनमैन शटडाउन वापस नहीं करते हैं, भूलवश लाइन चालू हो जाती है और खतरा हो जाता है