नई दिल्ली,पिछले दो साल में राज्यसभा सदस्यों के वेतन, भत्तों और सुविधाओं पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि उनकी यात्राओं पर करीब 63 करोड़ रुपये खर्च किए गए। सूचना का अधिकार के तहत एक सवाल के जवाब में यह जानकारी सामने आई है।
इन सभी चिजों पर खर्च हुआ 97 करोड़ रुपये से अधिक
कोरोना महामारी के बीच 2021-22 में सरकारी खजाने से राज्यसभा सदस्यों पर 97 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ। इस राशि में उनकी घरेलू यात्रा पर 28.5 करोड़ रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर एक करोड़ अठ्ठाइस लाख रुपये का खर्च शामिल हैं। इसमें वेतन पर 57.6 करोड़ रुपये, चिकित्सा बिल 17 लाख रुपये और कार्यालय खर्च सात करोड़ पांच लाख रुपये शामिल है। सदस्यों को सूचना प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करने पर एक करोड़ दो लाख रुपये खर्च किए गए।
इस वर्ष बजट सत्र के दौरान हुआ सबसे कम 24 प्रतिशत काम
राज्यसभा सदस्यों पर सरकारी खजाने से किए जा रहे खर्च की तुलना में कामकाज को देखें तो वर्ष 2021 के रिकार्ड के अनुसार, शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में 43 प्रतिशत, मानसून सत्र में 29 प्रतिशत और बजट सत्र में 90 प्रतिशत कामकाज हुआ। 2022 में शीतकालीन सत्र के दौरान 94 प्रतिशत, मानसून सत्र के दौरान 42 प्रतिशत और बजट सत्र के दौरान 90 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस साल में अब तक बजट सत्र के दौरान कामकाज 24 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
2021-23 में कुल 100 करोड़ रुपये हुए खर्च
मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति द्वारा आरटीआई कानून के तहत पूछे गए एक प्रश्न पर राज्यसभा सचिवालय द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार, 2021-23 में कुल 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें घरेलू और विदेशी यात्रा व्यय में 33 करोड़ रुपये शामिल थे। राज्यसभा सचिवालय ने कहा है कि 2022-23 के दौरान सदस्यों के वेतन पर 58.5 करोड़ रुपये, घरेलू यात्रा पर 30.9 करोड़ रुपये और विदेश यात्रा पर दो करोड़ छह लाख रुपये खर्च किए गए।
सचिवालय ने कहा कि अन्य खर्चों में चिकित्सा उपचार (65 लाख रुपये), कार्यालय खर्च में सात करोड़ रुपये और आइटी सेवाओं पर एक करोड़ पांच लाख रुपये का खर्च शामिल है। सचिवालय ने कहा कि राज्यसभा के पूर्व सदस्यों पर घरेलू यात्रा व्यय मद में 2021-22 में एक करोड़ सात लाख रुपये और 2022-23 में 70 लाख रुपये खर्च किया गया।