नई दिल्ली। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के सियासी दावों ने नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कांग्रेस नेतृत्व की मशक्कत बढ़ा दी है।
सूबे के सबसे कद्दावर नेता सिद्धारमैया को नई सरकार की कमान सौंपने का मन बना लेने के बाद भी पार्टी हाईकमान बुधवार को भी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं कर पाया। इतना ही नहीं शिवकुमार के दावेदारी से पीछे नहीं हटने के कारण कांग्रेस नेतृत्व को कर्नाटक की नई सरकार के नेतृत्व से लेकर इसके स्वरूप पर एक बार फिर नए सिरे से विचार मंथन करना पड़ रहा है।
48 से 72 घंटे में साफ होगी नए मंत्रिमंडल की तस्वीर
मुख्यमंत्री के चयन में हो रहे विलंब को देखते हुए पार्टी ने घोषणा की है कि अगले 48 से 72 घंटे के बीच कर्नाटक के नए मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ हो जाएगी।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, शिवकुमार के रुख के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सामने आए सियासी पेंच को सुलझाने के लिए विचार विमर्श की अंदरूनी कसरत नए सिरे से चल रही है। इसीलिए मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों को फिलहाल दिल्ली में ही रुकने को कहा गया है।
इतना ही नहीं सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर दोनों नेताओं के समर्थकों की ओर से किए जा रहे अलग-अलग दावों से पैदा हो रही अटकलों को थामने के लिए पार्टी की ओर से ऐसा करने वाले नेताओं को अब हिदायत भी जारी कर दी गई है।
''नेतृत्व मुद्दे को लेकर कोई भी नेता न करे बयानबाजी''
कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को साफ कहा कि पार्टी का कोई भी नेता नेतृत्व के मुद्दे को लेकर बयानबाजी न करे और ऐसा करना अनुशासनहीनता मानी जाएगी।
मुख्यमंत्री के चयन में हो रहे विलंब के बीच शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच अंदरूनी टकराव की चर्चाओं को आधारहीन बनाते हुए सुरजेवाला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास राजाजी मार्ग के बाहर पत्रकारों से कहा कि अगले 48 से 72 घंटे के बीच कर्नाटक का नया मंत्रिमंडल सबके सामने होगा। नई सरकार अपनी पहली कैबिनेट बैठक में कांग्रेस की पांच गारंटी के चुनावी वादों को पूरा करेगी।
सुरजेवाला ने कर्नाटक कांग्रेस के दोनों दिग्गजों के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर न्यूज चैनलों पर किए जा रहे दावों को आधारहीन करार देते हुए कहा कि फर्जी खबरों पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायक दल की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष को मुख्यमंत्री चुनने के लिए अधिकृत किया गया है और मल्लिकार्जुन खरगे विधायक दल का नेता नियुक्त करने को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं और कोई फैसला होते ही मीडिया से इसकी जानकारी साझा की जाएगी।
समझा जाता है कि कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के चयन की कांग्रेस नेतृत्व की पसोपेश डीके शिवकुमार के इस रूख से हुई जब सिद्धारमैया को कमान सौंपने के हाईकमान के इरादों के मद्देनजर उन्होंने नई सरकार में शामिल होने को लेकर अनिच्छा जताई।
शिवकुमार को मिला यह प्रस्ताव
शिवकुमार के एक समर्थक नेता के अनुसार, नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए जाने के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव भी उन्हें स्वीकार्य नहीं है और उनका मानना है कि सीएम नहीं बने तो फिर संगठन में ही रहेंगे।
सुरजेवाला ने ऐसी चर्चाओं को अटकलें जरूर करार दिया, लेकिन हकीकत यह भी रही कि बुधवार को पार्टी नेतृत्व सिद्धारमैया का नाम लगभग तय कर लेने के बावजूद इसकी घोषणा नहीं कर पाया और विचार मंथन का दूसरा दौर शुरू करने को बाध्य होना पड़ा।
वैसे मुख्यमंत्री के चयन को लेकर बैठकों का दौर खरगे के आवास पर पूरे दिन चला मगर इसकी शुरूआत दस जनपथ पर सुबह सिद्धारमैया की राहुल गांधी के साथ हुई मुलाकात से हुई। राहुल से इस मुलाकात के बाद ही सिद्धारमैया का सीएम के रुप में नाम तय होने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा। इसके बाद डीके शिवकुमार भी राहुल गांधी से मिलने पहुंचे और करीब घंटे भर की बातचीत हुई।