राजधानी के तापमान में अब वृद्धि होगी। हालांकि, शनिवार को बूंदाबांदी हो सकती है, उसके बाद कमोबेश रोज आसमान साफ रहेगा। तेज धूप खिलेगी, जिससे गर्मी बढ़ेगी। बताया जाता है कि दो दिन में ही अधिकतम तापमान 42 डिग्री पहुंच सकता है
अगले सप्ताह लू भी चलने के आसार हैं। मंगलवार को दिनभर खिली धूप के बीच राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 37.2 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 20.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सर्वाधिक अधिकतम तापमान 39.3 डिग्री की दृष्टि से नजफगढ़ सबसे गर्म इलाका रहा।
इसी तरह सर्वाधिक न्यूनतम 24.5 के लिहाज से स्पोर्टस काम्प्लेक्स सबसे गर्म रहा। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बुधवार को आसमान साफ रहेगा। अधिकतम तापमान 38 डिग्री और न्यूनतम 21 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इस दौरान हवा की गति 25 से 35 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रहने की संभावना है।
राजधानी के 19 इलाकों की हवा ‘खराब’
मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही वायु गुणवत्ता भी प्रभावित होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 197 रहा। इस स्तर की हवा को ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है। हालांकि यह ‘खराब’ श्रेणी से भी सिर्फ चार अंक नीचे है। दूसरी तरफ दिल्ली के 19 इलाकों की हवा ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच चुकी है, यानी इन जगहों का एक्यूआइ पहले ही 200 के ऊपर जा चुका है।
बेमौसम वर्षा से बिजली की मांग में रही गिरावट
बेमौसम हुई वर्षा से इस माह बिजली की मांग में कमी आई है। बिजली वितरण कंपनियों के अनुसार इस माह में अब तक पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की अधिकतम मांग 40 प्रतिशत तक कम रही है। इसके चलते अभी तक बिजली कंपनियों ने भी राहत की सांस ली है और लोगों को फाल्ट नहीं झेलने पड़े हैं।
मई के पहले सप्ताह में बिजली की अधिकतम मांग
- वर्ष 2019 में अधिकतम मांग 4277 मेगावाट के आसपास।
- वर्ष 2022 में अधिकतम मांग 5409 मेगावाट से 6247 मेगावाट के बीच।
- इस वर्ष अधिकतम मांग 3644 मेगावाट से 4634 मेगावाट के बीच।
- पिछले वर्ष मई में बिजली की अधिकतम मांग
पिछले वर्ष मई में अधिकतम मांग
सात हजार मेगावाट के पार चली गई थी।
पिछले वर्ष मई में छह हजार मेगावाट से ऊपर मांग 20 दिन रही थी।
अप्रैल में अधिकतम मांग
वर्ष 2022 में अधिकतम मांग 4170 मेगावाट और 6197 मेगावाट के बीच रही।
इस वर्ष 3388 मेगावाट से 5422 मेगावाट के बीच अधिकतम मांग रही। तीन दिन मांग पांच हजार मेगावाट से ऊपर रही थी।