बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा 'चक्रवात मोका' 12 मई तक एक बहुत भयंकर तूफान में बदल सकता है। इसमें हवा की गति 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 8 मई को चेतावनी दी है कि लैंडफॉल का विवरण मंगलवार तक उपलब्ध हो सकता है।

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ओम धगाल - पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा

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मौसम ब्यूरो ने कहा कि सोमवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके 9 मई को डिप्रेशन और 10 मई को साइक्लोन मोका में बदलने की संभावना है। तूफान के 12 मई के आसपास बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।

समुद्री जहाजों और मछुआरों को दी चेतावनी

'चक्रवात मोका' के कारण छोटे समुद्री जहाजों और मछुआरों को बाहर नहीं निकलने की चेतावनी जारी कर दी गई है। मौसम विभाग ने अधिकारियों से 8 से 12 मई के बीच अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास हो रही सभी एक्टिवटी को बंद करने का निर्देश दिया है।

मौसम विभाग ने कहा कि उत्तरी तमिलनाडु तट से दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी से एक वायुमंडलीय ट्रफ दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे सटे दक्षिण अंडमान सागर पर कम दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती सर्कुलेशन तक चल रही थी। विभान ने बताया कि चक्रवाती सर्कुलेशन के रूप में एक पश्चिमी विक्षोभ भी मध्य क्षोभमंडल स्तरों में उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे जम्मू और कश्मीर पर पड़ा हुआ है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश की उम्मीद

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवाती तूफान शुरू में 11 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम से मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा और फिर उसकी दिशा बदल जाएगी और वह उत्तर-पूर्वोत्तर में बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर बढ़ेगा।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बारिश बढ़ने की उम्मीद है। मंगलवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और आसपास के अंडमान सागर में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। तूफानी स्थिति कम से कम 11 मई तक जारी रहने की संभावना है। 10 मई से सप्ताह के अंत तक बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में समुद्र बहुत अशांत रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने कहा कि लहरें छह से 14 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकती हैं।

'चक्रवात मोका' का नाम कैसे रखा गया?

चक्रवात मोका यमन द्वारा सुझाया गया एक नाम है, जो कि लाल सागर बंदरगाह शहर (मोखा) के नाम पर रखा गया था। इसे 500 साल पहले दुनिया में कॉफी पेश करने के लिए जाना जाता है। बता दें कि चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय नियमों के आधार पर रखे जाते हैं

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) का एक समूह इन चक्रवातों का नामकरण करता है। इस क्षेत्र में उत्पन्न चक्रावतों के नाम देने वाले ग्रुप शामिल देश अल्फाबेटिकली नाम देते हैं। चक्रवातों का नामकरण के लिए बारी-बारी सभी देशों का नंबर आता है। इस बार ‘मोका’ चक्रवात के लिए यमन द्वारा सुझाए गए नाम में से एक था।

'चक्रवात मोका' कब और कहां लैंडफॉल करेगा?

मौसम विभाग के अनुसार, 9 मई को चक्रवात मोका डिप्रेशन में बदल सकता है। 10 मई को यह तूफान दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी और बंगाल की पूर्व मध्य खाड़ी, अंडमान सागर के आसपास के इलाकों में चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। तूफान के 12 मई के आसपास बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है